सोमवार, 25 अक्तूबर 2010

आस्था के नाम पर खिलवाड़ या मजाक !!!!!!!!!!!!!!!!

धर्म और आस्था कि नगरी वाराणसी में इन दिनों आस्था के नाम पर खिलवाड़ हो रहा है,जगह - जगह राम लीलाएं आयोजित कि जा रही है,संत तुलसीदास ने वर्षो पहले इसी नगरी से रामलीला का आयोजन कर जन मानस में राम के प्रति भक्ति कि भावना को जागृत किया था पर आज यह रामलीला एक मजाक बन कर रह गया है पहले लोग रामलीला देख भगवान राम के आदर्शो पर चलने  का प्रयास करते थे पर आज रामलीला कि ऐसी तैसी कि जा रही है, कल देर रात वाराणसी के एक इलाके में रामलीला में राजगद्दी की लीला का आयोजन किया गया था जिसमे एक ओर भगवान राम का दरबार लगा था और भगवान राम समेत सभी स्वरूप बैठे थे तो दूसरी ओर बार डांसरों का फूहड़ नृत्य हो रहा था इसी में लीला में रामचरित मानस व् रामायण की चौपाइयां पढ़ी जा रही थी तो इसी लीला में मुन्नी बदनाम हुई और भोजपुरी के गीतों पर बार डांसरों के लटके झटके से आस्था खिलवाड़ बन कर रह गयी आयोजक इसे धर्म और आस्था के मुताबिक़ होने का दावा कर रहे थे और रामलीला के ११५ वर्ष पुरे होने की ख़ुशी जाहिर कर डांसरों के साथ भगवान राम की भक्ति को मजाक बना रख दिया और रात भर रामलीला का यह मंच गुलजार रहा,रामलीला के मंच पर ‘मुन्नी बदनाम हुई’के गाने पर जमकर ठुमके लगे घंटों फूहड़ डांस हुआ पुलिस - प्रशासन के अफसर बेखबर रहे पंचायत चुनावों की निषेधाज्ञा का जमकर उल्लंघन किया गया। 

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