बुधवार, 8 दिसंबर 2010

काशी के इस जज्बे को हर कोई सलाम करना चाहता है

बाबा विश्वनाथ की धार्मिक नगरी काशी तो मौज मस्ती और अल्हड़ो का शहर है, यहाँ तो हर फ़िक्र को धुएं की तरह उड़ा दिया जाता है, मंगलवार की शाम जिस अंदाज़ में आतंकियों ने अपने नापाक इरादों के तहत यहाँ पर दहशत फैलाने के लिए बम विस्फोट किये थे, उन नापाक मंसूबो पर पानी फेरते हुए काशीवासियो ने अपना पन दिखाया और गंगा जमुनी तहजीब की धारा को बेरोक टोक बहने दिया.

धार्मिक नगरी काशी की सुबह मंदिरों की टन - टन और मस्जिदों की अज़ान के साथ - साथ होती यहाँ के गंगा घाटो पर एक ओर वजू होता है तो उसी घाट पर लोग स्नान करते है और ऐसे शहर में अशांति फैलाना नामुकिन है यहाँ पर सभी समुदायों के लोग हमेशा से एक दुसरे खिददमतगार रहे है.यहाँ की फिजा में जिस तरह होली के गुलाल उड़ती है तो ईद की मिठास भी घुली रहती है,

७ दिसम्बर मंगलवार की शाम जिस तरह दहशतगार्दियो ने अपने नापाक मंसूबो अंजाम देने का प्रयास किया पर उसे काशी ने नाकाम साबित कर अपने मौज मस्ती में अपने ही पुराने ढर्रे पर लौट आई और आज बुधवार की सुबह भी काशीवासियों ने अपने नित्यकर्म करते हुए गंगा में डुबकी लगाई और अपने काम - धंधे पर लग गए कही भी दहशत का नामोनिशा नहीं है गंगा के घाट हो या बाज़ार हर ओर चहल पहल हो रही है,

बनारस को पहले भी तीन बार दहशत के ज़ख्म देने की कोशिश की गयी पर हर बार दहशतगार्दियो के मंसूबो पर पानी फिरा है,यहाँ कल की घटना के बाद वाराणसी के घाटो पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गए है सभी सवेदन शील स्थानों पर पुलिस और अर्धसैनिक बालो की टुकड़ियो को तैनात किया गया है,

आज आतंक के निशान देखने केन्द्रीय गृह मंत्री पी चिदम्बरण वाराणसी पहुचे और सबसे पहले अस्पताल में भरती घायलों का हाल चाल लिया और फिर घटना स्थल पर हालात का जायजा लिया. और हर कोई इस

काशी के इस जज्बे को हर कोई सलाम करना चाहता है