लॉक डाउन और मंदी के दौर में अक्षय तृतीया के मौके पर बाजारों में छाया सन्नाटा, होगा कारोबार प्रभावित
छोटे कारोबारी और कारीगर चिंतित लेकिन बड़े कारोबारी कर रहे ऑनलाइन आभूषणों की बुकिंग
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संकट के चलते पिछले एक
महीने से देशभर में लागू हुए लॉक डाउन के कारण सभी बाजारों में सन्नाटा और
दुकानों पर ताले लटके हुए है। 26 अप्रैल को पवित्र दिन अक्षय तृतीया का
पर्व है और पौराणिक मान्यता के अनुसार
पौराणिक मान्यता के अनुसार
अक्षय तृतीया पर्व अक्षय फल देने
वाला होता है। जिसके लिए सदियों से विशेष मुहूर्त पर
आभूषण बाजार में जहां हीरे,
सोने-चांदी के आभूषणो की दिल खोलकर खरीददारी की जाती है तो वही
आभूषणों के शोरुम,
वाहन बाजार हो या फिर इलेक्ट्रानिक बाजारों या रियल एस्टेट में ग्राहकों
की भीड़ रहती है और लोग अपनी मनचाही सामानो में जमकर निवेश करते है। परन्तु
सदियों पुरानी परम्परा इस वर्ष कोरोना वायरस की भेंट चढ़ जाएगी और यह
परम्परा टूट जाएगी।
सुख-सौभाग्य व समृद्धि में उत्कर्ष प्रदान करने वाला पर्व अक्षय तृतीया
26 अप्रैल को है लेकिन त्योहार के इस मौके पर जहां परंपरा
के आगे कीमत नहीं देखी जाती है और बाजार में तैयारियां तेज हो जाती है
परन्तु इस वर्ष बाजारों में ना तो कोई तैयारियां हो रही है ना ही कोई
उत्साह है हालांकि कुछ बड़े आभूषण प्रतिष्ठान डिजिटल आभूषणों की खरीददारी पर
ग्राहकों को रिझा अवश्य रहे है। कारोबारियों का कहना है कि इस वर्ष अक्षय
तृतीया पर बाजार में करीब चार सौ करोड़
रुपये कारोबार प्रभावित होगा। मान्यता है कि इस दिन सोना खरीदने से
धन-संपत्ति का भंडार अक्षय
रहता है। जीवन में समृद्धि आती है। इस तिथि को अपने लिए या फिर किसी को
उपहार देने के लिए सोने व चांदी की खरीदारी का रिवाज है। जिसके लिए
कारोबारी इस विशेष पर्व के लिए खासतौर पर आकर्षक डिजाइनों वाली
आभूषणों की तैयारी रखते है। पर होली के पूर्व से कारोबार बिल्कुल मंदा पड़ा
होने से कारोबारी और कारीगर बेहद चिंतित नजर आ रहे है। बीते एक दशक में तो
पीली धातु की कीमतें
उतार-चढ़ाव के बीच साल दर साल बढ़ती ही रही हैं। इधर चार-पांच वर्षों में
सोने में किए गए निवेश से सबसे ज्यादा रिटर्न मिला है। वही रियल इस्टेट में
गिरावट के बीच सोना निवेश का सबसे बेहतर माध्यम बन गया है।
उत्तर प्रदेश स्वर्णकार संघ के महामंत्री
किशोर कुमार सेठ "मुन्ना" ने बताया कि अक्षय
तृतीया के दिन की ऐसी धारणा है कि लोग स्वर्णाभूषण खरीदते है जिसका कभी
क्षय नही होता है तथा इस तिथि में शुभ व पुण्य कार्य का भी अक्षय फल
प्राप्त होता है, जिसे धार्मिक परंपरा के अनुसार अक्षय माना
जाता
हैं। सर्वमान्य ऐसे में लोग सोने व चाँदी के
व्यवसाय से संबंधित लोगों के यहां से अक्षय तृतीया के दिन सोने या सोने से
बने हुए आभूषण को क्रय करते हैं ,जिसका कभी क्षय नहीं होता। परन्तु
इस समय पूरा भारत देश ही नहीं अपितु पूरा विश्व कोरोना वायरस नामक महामारी
से भयग्रस्त हैं और उस महामारी से आम जन मानस की सुरक्षा के लिये लाक डाउन
होने की वजह से व्यवसाय भी बंद पड़ा हुआ है। अत:
इस स्वर्ण और रजत व्यवसाय का काशी में ही लगभग 300 करोड़ का
अनुमानित व्यवसाय प्रभावित होगा। जबकि यह समय सबसे अधिक आभूषणों के मांग
वाला होता है क्योंकि यह समय लग्न और पर्व का भी
होता है। वही
उत्तर प्रदेश स्वर्णकार संघ के जिलाध्यक्ष कमल कुमार सिंह ने कहा कि
इस बार कारोबार मुश्किल है ऐसे में सभी छोटे व मध्यम वर्गीय व्यवसायियों और
कारीगरों के उपर रोजी रोटी का संकट गहरा गया है।
वाराणसी में ही लगभग 30000 कारीगर इस व्यवसाय से जुड़े हैं जिनमे अधिकांश
कारीगर स्थानीय सहित पश्चिमी बंगाल, महाराष्ट्र और राजस्थान से आकर
स्वर्णाभूषण तैयार कर अपनी आजीविका चलाते हैं।
और इस बार यह अपने
रोजगार व परिवार के भरण पोषण को लेकर भविष्य के लिए चिंतित है।
अक्षय फल वाले इस पर्व पर ही लग्न त्यौहार इत्यादि के मद्देनज़र
आभूषणों और अन्य सामानो की खरीददारी होती है परन्तु लॉक डाउन के चलते छोटी
बड़ी सभी प्रतिष्ठानों और शो रूम में ताले पड़े है और प्रतिष्ठानों में
ग्राहकों की जगह महीने भर से जमा धूल व कारोबारियो में उत्साह की जगह
निराशा ने जगह बना ली है। तो वही पर इस माहौल में भी कुछ बड़े कारोबारियों
ने कारोबार का रास्ता बना कर डिजीटल कारोबार का रास्ता खोल लिया है। और
कोरोना काल से परेशान लोगों को हर साल की तरह इस बार भी अक्षय तृतीया पर्व
मनाने
और शुभ मुहूर्त में घर बैठे ग्राहकों को
व्हाट्सएप के माध्यम से आभूषण बुक कराने का मौक़ा दे रहे है। ताकि
लॉक डाउन के बाद उसी भाव में स्वर्ण उपलब्ध कराया जा सके। ऐसे में बनारस के
कई आभूषण कारोबारी व सर्राफा अपने ग्राहकों को खास मुहुर्त पर खरीदारी का
ऑनलाइन विकल्प उपलब्ध करा रहे है. इसके तहत कोई भी वॉट्सएप के जरिए अपनी
पसंदीदा आभूषण को बुक करा सकता है और लॉक डाउन के बाद इसकी डिलेवरी ले सकता
है. स्कीम के तहत बुकिंग भी शुरू हो चुकी है प्रमुख आभूषण कारोबारी संतोष
अग्रवाल,ने बताया कि संकट का वक्त चल रहा है. ऐसे में सोने का रेट काफी
तेजी के साथ ऊपर जा रहा है. अगर यही हाल रहा, तो आगे भी रेट ऊपर जाने की
उम्मीद है. ऐसे में अगर ग्राहक भाव रेट लॉक कराकर पेमेंट कर देता है, तो
उसकी खरीदारी तो हो ही जाएगी, बस उन्हें डिलेवरी ही लेना होगा. लेकिन अगर
वह रेट लॉक कराकर खरीददारी नहीं करते हैं, तो एक तो उनकी शुभ मुहुर्त पर
खरीदारी नहीं होगी, वहीं आगे अगर रेट बढ़ते हैं, तो उन्हें बढ़े हुए रेट के
हिसाब से ही पेमेंट करना पड़ेगा. इस वक्त 24 कैरेट सोने का रेट तेजी से भाग
रहा है. अक्षय तृतिया में सामान की खरीदारी ही अहम है, तो जो भी ऑनलाइन
पेमेंट करेगा, उसे संस्था वॉट्सएप के जरिए उस रेट को लॉक करते हुए रेसिप्ट
भेज देगी, जिससे उसकी खरीदारी पक्की हो जाएगी और उसे सिर्फ अपना सामान लेना
होगा. हालाँकि उसका बुक किया हुआ कोई भी सामान लॉक डाउन के बाद ही दिया
जायेगा। वही कारोबारी
मयंक अग्रवालने कहा कि लॉकडाउन की वजह से सिर्फ उनका ही नहीं पूरे देश का
शो रूम बंद है. फ़लिहाल ऑनलाइन बुकिंग ही एक मात्रा साधन है. लेकिन इसमें
हुए खरीदारी की डिलीवरी लॉक डाउन के बाद ही होगा अभी कस्टमर को पहले उनसे
कॉल या व्हाट्सअप के माध्यम से रेट वर्तमान का रेट जानना होगा रेट लॉक
होने के बाद उन्हें आरटीजीएस या अन्य साधनो से ऑनलाइन पेमेंट करना होगा
इसकी वैधता सितम्बर तक रहेगी. इस बिच वह कभी भी डिलीवरी ले सकता है वो भी
उसी रेट में जिस रेट में बुक हुआ है। देश भर में लॉक डाउन के चलते लगन के
साथ त्योहारी मौसम भी चला गया। नवंबर में लगन के बाद ही कहा सकता है।